Wednesday, 15 March 2017

हम शायर हैं

हम शायर हैं,
हम खुद ही के कायल हैं,
वाह वाह के हम प्यासे,
हर दाद पर होते घायल है,
हम शायर हैं।

कोई कहीं बुलाता नहीं,
खुद ही लिखते सुनाते रहते हैं,
पकड़ पकड़ कर लोगों को अपना परिचय बताते रहते हैं,
कि भाई हम शायर हैं,
डरते हमसे जनरल डायर हैं,
हम खुद ही के कायल हैं,
वाह वाह के हम प्यासे,
हर दाद पर होते घायल है,
हम शायर हैं।

आज नहीं तो कल,
प्रसिद्धि हम भी पाएँगे,
नाम बना कर अपना हम
शायरों का इंस्टीटूट बनाएंगे,
सिखाएंगे वहाँ सबको,
कि शायरी एक बिजनेस बड़ा सस्ता है,
गृहस्ती चलाने का अच्छा रस्ता है
यहाँ नहीं चेहरे पर कोई मेक अप चाहिए,
बस ज़िंदगी में एक आधा ब्रेक अप चाहिए।

याद रखना,
हम शायर हैं,
मतलबी हैं हम,
हम रिलेशनशिप डिस्ट्रॉयर,
हम खुद ही के कायल हैं,
वाह वाह के हम प्यासे,
हर दाद पर होते घायल है,
हम शायर हैं।

Wednesday, 8 March 2017

यूहीं नहीं घर है इनसे बनता,
कुछ तो बात है,
पहला लफ्ज़ माँ यूहीं नहीं होता,
कुछ तो बात है,
यूहीं नहीं बहन के पास अपने हर राज़ महफूज़ रहते हैं,
यूहीं नहीं इसे धरती का सबसे पाक रिश्ता कहते हैं,
यूहीं नहीं बन पत्नी वो सब कुछ छोड़ आती है,
यूहीं नहीं कसम सात जनम के साथ का खाती है,
यूहीं नहीं घर की मर्यादा का भार रहता उस पर,
कुछ तो बात है..