मैं"मोह "के घर गया
"माया" का पता पूछने,
माया ने मेरी काया देखी
और लगी माथा नोचने,
बोली
कि मैंने तो "वासना" को तेरा पता दिया था,
तू यहाँ कैसे आ गया,
मैं बोला
उसी का हिसाब तेरे भाई "मोह" से लेने आया हूं,
और ये देख अपने साथ
तेरे दिल के टुकड़े
वासना को भी लाया हूँ,
अब उतार दे मुझसे
वासना का फेरा
वर्ना मोह को बता दूंगा
तुम दोनों के मिलन का डेरा
ये गोरख धंधा जो तुम लोग
मोह के नाम पे चलाते हो
शर्म आनी चाहिए
अपने चककर में
बेचारे भाई का नाम डुबाते हो,
रोते बिलखते माया ने हाथ जोड़े
बोली
कि
मैं माफ़ी चाहती हूँ
पर भैया को कुछ मत बताइयेगा
और हे मेरे प्रिय वासना जी
आप इनको अब कभी मत सताइयेगा।।
Tuesday, 27 October 2015
।। वासना की छुट्टी ।।
Wednesday, 21 October 2015
।। और कुछ दिन ।।
और कुछ दिन होते अगर तो
तेरी भी हाँ सुन लेता
सुन लेता हाँ जो तेरी
जहाँ एक अलग मैं चुन लेता
और कुछ दिन होते अगर तो।।
और कुछ दिन होते अगर तो
नज़रों से तुझको यूँ छू मैं लेता
वो कहते हैं कि दाग है तुझमे
जो नज़रों से तुझको छू लेता
तुझे चाँद मैं अपना बना ही लेता
और कुछ दिन होते अगर तो।।
साड़ी तुझे भाती नहीं
मेहँदी आज तक रची नहीं
और कुछ दिन होते अगर तो
लाल जोड़ा तुझे पहना जाता
जो लाल जोड़ा पहना जाता
रंग मेहँदी का भी चढ़ा जाता
और कुछ दिन होते अगर तो
ज़िन्दगी भर तेरा साथ जरूर निभा जाता
और कुछ दिन होते अगर तो
और कुछ दिन होते अगर तो।।
।। माफ़ करना ।।
भैया गलती हो गयी माफ़ करना
आपके 4g स्पीड से हो रहे
नन्हे मुन्हे 2g यों की कसम,
हम जानते हैं की under the table business
तो है सरकार चलाने की एक
ख़ास रसम,
जान कर भी गलती हो गयी कैसे हमसे
कैसे जुबां खुल गयी
जिस पर बरसो से लगा था धरना
भैया गलती हो गयी माफ़ करना।।
अरे कौन कहता है कि आप
करते नहीं काम
बोलना आपका काम
बक्से खोलना आपका काम
नोटों को गिनना आपका काम
अलग अलग account में
उन्हें वितरित करना आपका काम
चैनल वालों के भी account no.
याद रखना आपका काम
हम जानते हैं
कि आप अपने कर्त्तव्य के प्रति
रहे हैं सजग हमेशा से
और कभी कभार तो
टूटी पुलिया नाले भी बना देते स्वेछा से
हम ही बड़बोले हैं सरकार
भूल गए थे कि
आप तो हैं ही सबके लिए
हमारा काम तो है सिर्फ सहना सुनना
भैया गलती हो गयी माफ़ करना।।
मैं तो NRI हूँ
कई सालों बाद देश आया था
कुछ लोगों को जब सरकारी दफ्तरों
के पीछे खुद को "हल्का" करता पाया
तब लगा कि हाँ भाई
आज़ादी अब भी कायम है
कुर्सियों के शागिर्द अब भी वही हैं
बस नाम बदले से लगते हैं
जैसे u p में अखिलेश के नाम पे
अब भी मुलायम हैं
जब देश छोड़ा था
तो माँ के 28 बेटे थे
अब 29 हो गए
और लगता है
आने वाले 9 ,18 या 27 महीने में
हम दिल खोल के हँस पाएंगे
(शायद खुद पर)
क्योंकि
शायद तब तक 32 दांत के साथ साथ
32 राज्य भी हो जायेंगे।
पुलिस चौकी के पास एक बोर्ड लगा है
"यहाँ थूकना मना है"
"मना" तो कोतवाल साहब के
अतरंगी पान की पिचकारियों की भेट चढ़ चुका है
और भैया कोतवाल साहब से यहाँ सब डरते हैं
इसलिए बोर्ड में जितना दिखता है
उसका पालन सब करते हैं।।
एक तरफ "बीफ बैन" के नारे
एक तरफ लोग "दाल दाल"पुकारें,
कमाल है साहब
बीफ आप खिलाना चाहते नहीं
और दाल खाने देते नहीं।
एक NRI होने के नाते
मैंने कुछ ज्यादा तो नहीं बोल दिया..
शायद हमने भी एक सरकार को
60 साल तक माफ़ किया था..
एक बार हमें भी माफ़ करना।।
अलाह राम राम अलाह..
मेरे देश में
बस आजकल यही सब चलता है...
पहले सिर्फ ग़रीबों का पेट कटता था इनसे
आजकल नेताओं का भी इसी से कटता है।।
मैं दस साल की अपनी बेटी को
स्वदेश घुमाने लाया था
पर इससे पहले वो मुझसे पूछे
मैं खुद इस प्रश्न का उत्तर ढूंढना चाहता हूँ
कि क्यों आज मेरा देश
ठगा ठगा सा लगता है
और क्या
भारत सिर्फ इतिहास के पन्नों पर ही अच्छा लगता है।।
Monday, 19 October 2015
।।अब लगता है दर्द कम हो जायेगा।।
हाँ मरहम लगा लिया है,
अब लगता है दर्द कम हो जायेगा।
हाँ आँखें फेर ली हैं,
अब लगता है दर्द कम हो जायेगा।
हाँ उन पैमानों की छल छल से
खुद को सींच लिया है,
अब लगता है दर्द कम हो जायेगा।
हाँ उस पहली होली के
रंगीले कपडों को
मैंने दान दिया
हल्का सा पुण्य चुरा लिया,
हाँ बीती दीपावली में
वो साथ जलाये हुए दीपक को
पीछे नाले में ही प्रवाहित किया,
हाँ तेरी पढ़ी हुई
हर कविता के पन्नों को
मैंने खुद के हाथों से फाड़ दिया,
हाँ तेरी हर तस्वीर
मैंने अग्नि देव को उपहार दिया,
हाँ ये सच है
कि लिखना बोलना आसान है
करना मुश्किल
पर अब जो हो देखा जायेगा,
अच्छी बात तो ये है कि
अब लगता है दर्द कम हो जायेगा।
हाँ ये डंक विषैला
वक्त का रूप लिए
मुझे भेद रहा है,
पर मेरी ओर से आँखों को
बेपरवाही का संदेश दिया जायेगा,
तब शायद दर्द कम हो जायेगा।।
Monday, 5 October 2015
.....left with ur last seen ....
What this moment has brought,
Will ever even happen....
Silver linings in the cloud
Now smirk at me,
And say
"its soon gonna be darken"...
Never did I ever thought ,
Things would be
As it had been ...
I m just left with her "last seen".
Haven't seen her "online"
U don't wanna be mine...
No probs ..
Still I wish u to be fine ..
We started slow ..
Thought we wud win the race...
I was wrong though ,
That hasn't ever been the case ..
Life's a rough terrain now,
And
Not Aesop fables as once it had been..
I m just left with her "last seen".
Texts that once mattered ..
Don't wanna collect pieces
Of dreams , fallen, shattered..
Deleting every single convo
Each day, one
Hoping ...she would come,
And stop me
Before m done..
And if nothing of the sort ever happen
There ll be no texts ,
No record ,
Things would be totally clear and clean...
I ll just be left with her " last seen".
She hadn't yet
Blocked me out..
If at all she did..
I won't even give in a shout...
May be I was just a trial piece..
And
I know u like
Pizza with some "extra cheese"
Sorry I don't wanna change,
I ll be ever the same..
U ve played on me..
Beware ,
Cheesy guys play glossy games...
If he makes u his another "sorry slip"
I hope I ll be there ,
To make u my catch..
Let there be knots as much ..
But darling , there are always
Strings attached...
Two years passed ,
It's still the same ,
As it had been...
(M lucky u dint blocked..)
I still have ur "last seen"...
-Rishav