भैया गलती हो गयी माफ़ करना
आपके 4g स्पीड से हो रहे
नन्हे मुन्हे 2g यों की कसम,
हम जानते हैं की under the table business
तो है सरकार चलाने की एक
ख़ास रसम,
जान कर भी गलती हो गयी कैसे हमसे
कैसे जुबां खुल गयी
जिस पर बरसो से लगा था धरना
भैया गलती हो गयी माफ़ करना।।
अरे कौन कहता है कि आप
करते नहीं काम
बोलना आपका काम
बक्से खोलना आपका काम
नोटों को गिनना आपका काम
अलग अलग account में
उन्हें वितरित करना आपका काम
चैनल वालों के भी account no.
याद रखना आपका काम
हम जानते हैं
कि आप अपने कर्त्तव्य के प्रति
रहे हैं सजग हमेशा से
और कभी कभार तो
टूटी पुलिया नाले भी बना देते स्वेछा से
हम ही बड़बोले हैं सरकार
भूल गए थे कि
आप तो हैं ही सबके लिए
हमारा काम तो है सिर्फ सहना सुनना
भैया गलती हो गयी माफ़ करना।।
मैं तो NRI हूँ
कई सालों बाद देश आया था
कुछ लोगों को जब सरकारी दफ्तरों
के पीछे खुद को "हल्का" करता पाया
तब लगा कि हाँ भाई
आज़ादी अब भी कायम है
कुर्सियों के शागिर्द अब भी वही हैं
बस नाम बदले से लगते हैं
जैसे u p में अखिलेश के नाम पे
अब भी मुलायम हैं
जब देश छोड़ा था
तो माँ के 28 बेटे थे
अब 29 हो गए
और लगता है
आने वाले 9 ,18 या 27 महीने में
हम दिल खोल के हँस पाएंगे
(शायद खुद पर)
क्योंकि
शायद तब तक 32 दांत के साथ साथ
32 राज्य भी हो जायेंगे।
पुलिस चौकी के पास एक बोर्ड लगा है
"यहाँ थूकना मना है"
"मना" तो कोतवाल साहब के
अतरंगी पान की पिचकारियों की भेट चढ़ चुका है
और भैया कोतवाल साहब से यहाँ सब डरते हैं
इसलिए बोर्ड में जितना दिखता है
उसका पालन सब करते हैं।।
एक तरफ "बीफ बैन" के नारे
एक तरफ लोग "दाल दाल"पुकारें,
कमाल है साहब
बीफ आप खिलाना चाहते नहीं
और दाल खाने देते नहीं।
एक NRI होने के नाते
मैंने कुछ ज्यादा तो नहीं बोल दिया..
शायद हमने भी एक सरकार को
60 साल तक माफ़ किया था..
एक बार हमें भी माफ़ करना।।
अलाह राम राम अलाह..
मेरे देश में
बस आजकल यही सब चलता है...
पहले सिर्फ ग़रीबों का पेट कटता था इनसे
आजकल नेताओं का भी इसी से कटता है।।
मैं दस साल की अपनी बेटी को
स्वदेश घुमाने लाया था
पर इससे पहले वो मुझसे पूछे
मैं खुद इस प्रश्न का उत्तर ढूंढना चाहता हूँ
कि क्यों आज मेरा देश
ठगा ठगा सा लगता है
और क्या
भारत सिर्फ इतिहास के पन्नों पर ही अच्छा लगता है।।
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