Friday, 18 November 2016

Line में लगने चलना है...

चल भैया , सुबह हो गयी,
Line में लगने चलना है,
कल तो अपना no. आया नहीं,
आज फिर शुरुआत करना है,
राशन की कतार में तो कई बार हम लग चुके,
आज अपनी पगार के लिए भी कतार में लगना है,
"काले" , "गोरे" की लड़ाई में "सांवलो" का रंग ढल रहा है,
क्या system आ गया है,
पूरा देश आज line में चल रहा है,
हर टेढ़े को सीधा किया है,
हर सीधे को कड़क,
अब तो ATM ही मंदिर अपना,
घर अपनी अब सड़क,
मौके और भीड़ का फायदा भी उठाया जा रहा है,
बगल में कचौरी और जलेबियां भी छनवाया जा रहा है,
पर वो कचौरी वाला भी हमारे हालात जानता है,
इसलिए वो भी cash on delivery नहीं, payment in advance मांगता है,
नयी नयी job लगी है,
लेट जाना बॉस को नागवारा है,
और मैं यहाँ line में लग कर अपना "country" धर्म निभा रहा हूँ,
पर अगर "U R FIRED" कह कर जो बॉस ने अपना "corporate" धर्म निभा दिया,
तो मेरा तो धर्म पर से विश्वास ही उठ जायेगा,
हर तरह की line है यहाँ,
छोटी line
लम्बी line
बैंक की line
Atm की line
सुबह की line
दफ्तर से छुट्टी लेकर लगने वाली line
बीवी के छुपाये नोटों को old to gold करने की line,
बुज़ुर्गों के लिए खास line
अब बताइये ...खाँसने वाली उम्र में खास line...
बातें बहुत हो गयी यारों,
अब काम पर चलना है,
भीड़ बढे इससे पहले
Line में लगने चलना है।।

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