साँचा हमारा होगा,
तुम्हे उस साँचे में ढलना होगा,
कदम तुम्हारे होंगे लेकिन,
हमारे बताये राह पर चलना होगा,
हम तो विफल रहे, पर सफल तुम्हे बनना होगा।
हमने क्या किया, क्या करने से चूक गए,
वक्त और उम्र कहाँ तुम्हारी, कि जान सको,
बुढ़ापे का सम्बल तुम्हे हमारा बनना होगा,
हम तो विफल रहे , पर सफल तुम्हे बनना होगा।
जो चाहिए मिलेगा,
साल -दो साल चेहरे पर तुम्हारे अगर हँसी की रेखा न हो, चलेगा,
जो न कर सके मेरे परिचित के सगे साथी भी,
वैसा कुछ तुम्हे करना होगा,
हम तो विफल रहे, पर सफल तुम्हे बनना होगा।
नाक मेरी मुझे प्यारी सबसे,
बच्चे मेरे कुछ ऐसा कर
नज़र मेरी कभी झुक न पाये,
ताव रहे हर दम मूछों पर,
रीढ़ दम्भ में डूबी हो,
और नीचे न हो कभी ये सर,
ढाई आखर से बचना है , तुझे अपने क्षेत्र में पंडित बनना होगा,
हम तो विफल रह गए, पर तुम्हे सफल बनना होगा।
कभी दुःख कोई , हो तकलीफ कोई बेटा,
तो ज़िंदा तुम्हारा बाप है,
पर ये भी याद रखना ज़रा कि
90 से कम तो पाप है,
और पाप किया अगर जो तो भागीदार हम नहीं,
खुद तुम्हे अकेले अंगारों पर चलना होगा,
हम तो विफल रहे, मगर तुम्हे सफल बनना होगा।।
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